"You have your way. I have my way. As for the right way, the correct way, and the only way, it does not exist."
Friedrich Nietzsche

Thursday, November 25, 2010

सोवियत राष्ट्रपति कालिनिन के नाम एक १३ वर्षीय मजदूर बालक द्वारा १९३३ में लिखा गया पत्र



प्रिय दादाजी कालिनिन ...
मेरा परिवार बड़ा है, चार बच्चे हैं. हमारे पिता अब नहीं हैं, वे मजदूरो के लिए लड़ते हुए मारे गए थे ...
और मेरी माँ ... बीमार हैं. ....मैं बहुत पढ़ना चाहता हूँ, पर स्कूल नहीं जा सकता. मेरे पास पुराने जूते थे लेकिन अब वो इतने फट चुके हैं की कोई उनकी मरम्मत नहीं कर सकता. मेरी माँ बीमार हैं, हमारे पास न तो पैसा है न तो रोटी; पर मैं पढ़ना बहुत चाहता हूँ. ..... हमारे पास पढ़ने, पढ़ने और बस पढ़ने की जिम्मेदारी है. व्लादिमीर इल्यीच लेनिन ने यही कहा है. पर मुझे स्कूल जाना छोडना पड़ेगा. हमारा कोई भी रिश्तेदार नहीं हैं, कोई भी हमारी मदद नहीं कर सकता, इसलिए मुझे फैक्ट्री में काम करना पड़ेगा ताकि मेरा परिवार भूखो मरने से बच जाये. प्रिय दादाजी मैं १३ साल का हूँ, पढाई में अव्वल आता हूँ और मेरी कोई खराब रिपोर्ट नहीं है. मैं पाचवी कक्षा में पढता हूँ.....

1 comment:

  1. sparshi...... iske javab me president ne kya likha raha hoga, agar vah bhi kahin padhne jan ne mil jaye to aur accha lagega...

    dar-asal hamari vyavasthayein, itni bhrashht ho gain hai ki yojnayein antim labharthi tak nahin pahunch pati... chahe desh-kal koi bhi ya kahin bhi ho.....

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