हरिशंकर जी की ये कहानी आज के Honour Killing के ज़माने में जाति के पीछे पागल मूर्खो के मुंह पर बड़ा तमाचा है. व्यंग्य कभी जब इस तरह तेजाब की तरह इस्तेमाल किया जाये तब ही इसका मकसद पूरा होता है.
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कारखाना खुला, कर्मचारियों के लिए बस्ती बन गई। ठाकुरपुरा से ठाकुर साहब और ब्राह्मणपुरा से पंडित जी कारखाने में काम करने लगे और पास-पास के ब्लॉक में रहने लगे।
ठाकुर साहब का लड़का और पंडित जी की लड़की जवान थी। उनमें पहचान हुई। पहचान इतनी बढ़ी कि शादी करने को तैयार हो गए। जब प्रस्ताव उठा, तो पंडित जी ने कहा, 'ऐसा कभी हो सकता है? ब्राह्मण की लड़की ठाकुर से शादी करे! जाति चली जाएगी।'
ठाकुर साहब ने भी कहा, 'लड़के-लड़की बड़े हैं, पढ़े-लिखे हैं, समझदार हैं। उन्हें शादी कर लेने दो। अगर शादी नहीं हुई, तो वे चोरी-छिपे मिलेंगे और तब जो उनका संबंध होगा, वह व्यभिचार कहा जाएगा।'
इस पर ठाकुर साहब और पंडित जी ने कहा, 'होने दो। व्यभिचार से जाति नहीं जाती, शादी से जाती है।' ...............................................................................
This Honour killing is not new but its quite unacceptable in this 21st century & so called educated world
ReplyDeletebodhisatva ji
ReplyDeleteho sake to baat karen
mera no hai 09820212573
aap ka
bodhisattva