"You have your way. I have my way. As for the right way, the correct way, and the only way, it does not exist."
Friedrich Nietzsche

Thursday, January 7, 2016

‘सुख’

सुख
एटीएम का वो परचा नहीं है
जो महीने की पहली तारीख को निकलता है।
सुख
वो घर भी नहीं
जो परदेस में बसाया हो।
सुख
धूप का वो टुकड़ा है
जो जाड़े की दोपहरी में
बाबा के साथ सोते हुए
उनकी शाल के छेद से आकर
मेरी पीठ सहलाता था।
और जिन्दगी
इक तलाश है,
उसी धूप के टुकड़े की।