Tuesday, November 30, 2010

कहानियां

जिंदगी में

कहानियाँ थी.

खूबसूरत थी

तब तक

जब तक

सिर्फ कहानियाँ थी.

एक दिन मुझको क़त्ल किया

मेरी स्याही ने

जब रगों में दौड़ने लगी.

उस दिन मुझको बहका-बहका

और किस्सों का रंग बदलते

तुमने भी तो देखा होगा.

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