Who Knows ?

Thursday, June 13, 2013

The lost Paradise !

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Coming back from office today, I was standing in the bus reading a book, and next to me was a little girl who started looking at the pages f...
Sunday, April 22, 2012

ज़िंदगी है, मैं नहीं हूँ !

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सुबह बुलाने से पहले बुलाओ धूप मुझे, रौशनी दो, न कहो मुझको सितारा कोई. मेरी आवाज़ सुनो लौटती ख़ामोशी में, डूबने दो मुझे मत खीचो किनारा को...
Tuesday, March 6, 2012

वक्त बदल गया है !

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चमकीले शहर में जब कोई सरकारी बच्चा अंग्रेजी बोल लेता है तो लोग कहते है वक्त बदल गया है ! मेरे गांव में भी वक्त बदला जरुर मगर इत्तला कि...
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Thursday, June 30, 2011

सबसे ख़तरनाक

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मेहनत की लूट सबसे ख़तरनाक नहीं होती पुलिस की मार सबसे ख़तरनाक नहीं होती ग़द्दारी और लोभ की मुट्ठी सबसे ख़तरनाक नहीं होती बैठे-बिठाए पकड...
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Saturday, April 9, 2011

BHAGWAD GITA as Viewed by Swami Vivekananda

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Notes from: BHAGAWAD GITA as viewed by Swami Vivekananda SWAMI VIVEKANANDA Vivekananda (1863-1902), foremost disciple of the Hindu spiri...
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Friday, April 8, 2011

रवि प्रकाश

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कल रात अचानक खाना खाते वक्त रुक गया. पता नहीं क्यों और कैसे रवि प्रकाश कि याद आ गयी. उसके बाद उसके जैसे बहुत से लोगो का चेहरा सामने घूमता रह...
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Tuesday, November 30, 2010

कहानियां

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जिंदगी में कहानियाँ थी. खूबसूरत थी तब तक जब तक सिर्फ कहानियाँ थी. एक दिन मुझको क़त्ल किया मेरी स्याही ने जब रगों में दौड़ने लगी. उस दिन मुझको ...
Thursday, November 25, 2010

सोवियत राष्ट्रपति कालिनिन के नाम एक १३ वर्षीय मजदूर बालक द्वारा १९३३ में लिखा गया पत्र

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प्रिय दादाजी कालिनिन ... मेरा परिवार बड़ा है, चार बच्चे हैं. हमारे पिता अब नहीं हैं, वे मजदूरो के लिए लड़ते हुए मारे गए थे ... और मेरी माँ ......
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Tuesday, November 23, 2010

तीसरी किताब

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मध्य-प्रदेश से आते हुए ट्रेन में एक युवक को देखा, उसके पास तीन किताबे थी. दो रखी हुई थी बर्थ पर और एक वो सामने लेटा हुआ बड़ी तल्लीनता से पढ़ र...
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Sunday, November 21, 2010

जरा सी याद

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कुछ लोगो के चले जाने का दुःख होता है, लेकिन उससे जादा दुःख होता है तब ... जब दुखी होने बैठता हूँ और वो ठीक से याद नहीं आते ! भूल जाती है चेह...
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